मेरे बरेली मे इस समय रौनक शबाब पर है । दुनिया खिची आ रही है मेरे बरेली की तरफ ,लाखो लोगो का रेला या कहे सैलाब । जहाँ तक नज़र जाती है वहां तक लोग ही लोग जायरीन ही जायरीन । मौका है आला ऐ हजरत का ९०वा उर्स , बरेलवी मसलक जो सारी दुनिया मे इस्लाम की लौ जलाए रखे है । आला ऐ हजरत दुनिया मे एक मिसाल है ,कहते है आला हजरत १०५ इल्म जानते थे ।
बरेली मसलक के प्रवर्तक आला हजरत इमाम अहमद रजा खां सहाब के पूर्वज कंधार से बरेली आए थे । आला हजरत ने चार साल से कम उम्र मे कलाम ऐ पाक पुरा पढ़ लिया था । छह बरस की उम्र मे ईदमिलादुन्नबी के जलसे मे मिलाद शरीफ पढ़ी । १८६९ को आला हजरत को दस्त्तार -ऐ -फजीलत हासिल हुई । इसी दिन आला हजरत ने एक फतवा लिखा । आला हजरत को फतवा लिखने की खिदमत का मौका दिया गया ।
shesh आगे
59 टिप्पणियां:
आभार इस जानकारी का-आगे इन्तजार है.
मैने भी बरेली के बारे मे सुना था मगर इतना कुछ नही जानता था।जानकारी के लिये आभा॥
aji padosi ka bhi salaam le len. main pilibhit se hun. waqt niklkar mera blog bhe dekhen.
अच्छी जानकारी
बरेली घूमने की बड़ी इच्छा है
कभी मौका मिला तो ज़रूर आउंगा
आपके ब्लॉग भ्रमण पर मेरी इतिहास की जानकारी हमेशा बढ़ जाती है. शुक्रिया आपका.
इस जानकारी के लिए हार्दिक आभार।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
जानकारी के लिए आभार।
Sahi kahaa aapne.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बरेली निवासी को राम राम .
अच्छा लिख रहे हैं.
यह भी लिखें कि बरेली साम्प्रदायिक सौहार्द की एक अद्भुत मिसाल है .
वहाँ शायद मुन्ने मियाँ[ नाम चेक कर लें ] ने
एक मन्दिर बनवाया है जो आजतक उन्ही के नाम से जानाजाता है.
अच्छी जानकारी मिल रही है हमारे इस विशाल देश के एक हिस्से के बारे में। आभार।
Bareli men mere bhaiya posted tho gai thi, wakai sundar jagah hai aur historical bhi. U r most welcome on my blog also.
अपने शहर से आपका लगाव नम्य है. क्या वहां जहां का जिक्र आपने किया है , मुशायरा भी होता है?
बहूत अच्छी रचना. कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारे.
आभार इस जानकारी का.कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारे.
ईश्वर करे आप अपने कार्यों व प्रयत्नों से बरेली का नाम रोशन करें !इस शहर से मेरा भी गहरा लगाव है !शुभकामनायें !
आला हजरत के बारे में बताने का शुक्रिया।
थोडा विस्तार से लिखते, तो और अच्छा लगता।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
dhiru shing ji ,
aap taad to gaye hain ki hum kya kahana chah rahe hain , lekin khulkar kah nahi paye
aapake bareli shahar ko badhai.
बहुत उम्दा पोस्ट.
मेरा बचपन आंवला में बीता. आला हजरत के बारे में तब खूब सुना. आपने सही लिखा है, इस्लाम का असल अर्थ तो बरेलवी ही है और उसी से उम्मीद भी है.
http://epankajsharma.blogspot.com/
बड़ी पुरानी पोस्ट है भाई
यहाँ भी अजगर करे न चाकरी.........
बहुत सुन्दर रचना
बहुत बहुत आभार
धीरू जी
बरेली के बारे में जानकारी के लिए
धन्यवाद
बरेली में आला हजरत के बारे में बताने के लिए
बहुत बहुत आभार
इस ऐतिहासिक नगर के बारे में इस जानकारी का आभार ।
इस बरेलवी पोस्ट को सालगिरह मुबारक!
आप तो नई नई जानकारी दे रहे हैं, अगली कडी का इंतजार है ।
Badi achhee jankaree mili..fatwon ke naamse bada dar lagta hai!
bahtun ..
abhivyaki..
badhai..
abaar..
bilkul sach aala hajrat sahb ka kya kahna..............
कब आ रही है अगली कडी ।
nice post
अच्छी बात है पर वरेली के हिन्दूओं को अपनी सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम कर लेने चाहिए क्योंकि मुसलिम आतंकवादी अपनी गतिविधियां इन जायरीन में घुल-मिल कर ही आगे बढ़ाते हैं।
ज्ञानवर्धन हुआ.
इतिहास सम्मत ।
प्रशंसनीय ।
धीरू भाई, इस शमा को जलाए रखें।
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किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?
कुछ साल पहले बरेली गई थी, तब भैया वहां CO (City) थे...फिर आना होगा तो जरुर घूमेंगें.
राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज
अहल-ए-नज़र समझते हैं इस को इमाम-ए-हिन्द
तलवार का धनी था, शुजाअत में फ़र्द था
पाकिज़गी में, जोश-ए-मोहब्बत में फ़र्द था
आपका प्रयास
सराहनीय है प्रेरणास्पद है.
मनुष्य समाज का जो क़बीला ,जो जाति जो धर्म सत्ता में आ जाता है वह समाज की श्रेष्ठता के पैमाने अपनी श्रेष्ठता के आधार पर ही बना देता है [यह श्रेष्ठता होती भी है या नहीं यह अलग प्रश्न है] यानी सत्ता आये हुए की शक्ती ही व्यवस्था और कानून हो जाया करती है,
सशंकित होना क्या जायज़ नहीं कि क्या वास्तव में आज ऐसा हो रहा है !!
गर हो रहा है तो मुखर विरोध होना चाहिए.
ब्लॉग जगत में फैली हिन्दू-मुस्लिम घमासान पर पढ़िए
शमा ए हरम हो या दिया सोमनाथ का
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/2010/08/blog-post.html
बरेली के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा...
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'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.
आपका ब्लाॅग काफी अच्छा हैं
hindustanvichar.blogspot.com
चलिये, यहां आकर हम बांस और झुमके से आगे बढ़े.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
दुआ है सारी दुनिया में हो बरेली का नाम
खुशियों से आबाद रहे बरेली की हर शाम
बरेली में तो बसते है अल्लाह और श्री राम
यू. पी की इस शान को मेरे हजार सलाम
काफी दिन से आपकी पोस्ट नहीं पढ़ी ...कहाँ हैं आप ? कल बरेली में था आपकी याद आई थी मगर आपका फोन नंबर नहीं था ...अतः बात नहीं हो सकी ! शुभकामनायें !
aur jaankaari ka intezaar hai
धीरू भाई, इस शमा को जलाए रखें।
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त्रिया चरित्र : मीनू खरे
संगीत ने तोड़ दी भाषा की ज़ंजीरें।
jaankari share karne k liye shukriya..
Please visit my blog..
Lyrics Mantra
इस जानकारी के लिए आभार.सुंदर प्रस्तुति.
फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी
धीरू सिंह जी ,
बदायूं का रहने वाला मैं, बरेली से पढ़ाई पूरी की ....
बरेली के बारे में कुछ लिखते रहा करो यार अच्छा लगता है ! हार्दिक शुभकामनायें !
बरेली और आला हजरत के बारे में जानकारी अच्छी लगी।बहुत ही सूचनापरक पोस्ट।
इस जानकारी के लिए हार्दिक आभार।
ाच्छी जानकारी है धन्यवाद। आपकी बरेली मे डाक्टर नलिन चक्रधर जी भी रहते हैं अब शायद लखनऊ चले गये बाल लेखक हैं । मेरी पुस्तक के विमोचन पर बरेली से आये थे। शुभकामनायें।
बरेली वाकई बहुत अच्छा शहर है..........
इसी दुनिया कि शान " " की वजह से २ मार्च २०१० को जो कुछ हुआ बरेली में उसके बारे में भी लिखो ना धीरू भाई साहब
आभार जानकारी के लिए .
आप भी आला हज़रात की दरगाह पर ज़रूर जाये और देश के लिए दुआ करे.
बेशक आलाहजरत दुनिया की शान है
दीपावली के पावन पर्व पर आपको मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!
way4host
RajputsParinay
बेहतरीन पोस्ट के लिए धन्यवाद । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।
wahwa..... badiya prastuti dheeru bhai....
sadhuwaad
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